भाजपा पार्षद मुकेश सिंह मोंटी जी ने बताया कि मित्रो संग उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर का पौराणिक महत्व भी है. इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने यहां दूषण नामक राक्षस का वध कर अपने भक्तों की रक्षा की थी, जिसके बाद भक्तों के निवेदन के बाद भोलेबाबा यहां विराजमान हुए थे. यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा ज्योतिर्लिंग है.मित्रों के संग बाबा महाकाल का दर्शन कर पूजन अर्चन किया और सभी परिवार जनों, मित्रो, एवं लोक कल्याण की कामना की.
बता दे कि महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह एक प्रसिद्ध ओर विशाल मंदिर है. इसमें भगवान शिव का रुद्र लिंग विराजमान है. इस ज्योतिर्लिंग की विशेषता है कि यह एकमात्र ऐसा शिव लिंग है जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर है. इसलिए इसे दक्षिणामुखी महाकालेश्वर मंदिर भी कहा जाता है और यह शिव लिंग स्वयंभू है अर्थात् इसकी स्थापना नहीं हुई बल्कि यह अपने आप हुआ है. इस ज्योतिर्लिंग को तांत्रिक कार्यों के लिए विशेष रूप से माना जाता है.
गौरतलब है कि गर्भगृह में भगवान महाकालेश्वर के विशाल दक्षिणमुखी शिवलिंग के साथ माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमाएं भी स्थित हैं. यह ब्रह्मांड के इकलौते दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है जिसकी जलाधारी पूर्व की ओर है। वहीं शिवलिंगों की आम जलाधारी उत्तर की ओर होती है. गर्भगृह के सामने नंदी की प्रतिमा भी स्थित है और गर्भगृह का नंदीदीप सदैव प्रज्वलित रहता है. यहां बैठकर हजारों श्रद्धालु शिव की आराधना का पुण्य उठाते हैं.