सुहाने मौसम की नरम धूप में पार्षद साथियों के साथ चाय पर एक अनौपचारिक लेकिन सार्थक चर्चा हुई। इस चर्चा में सदन से पूर्व जनहित से जुड़े मुद्दों, वार्ड स्तर की समस्याओं और उनके संभावित समाधान पर खुले मन से विचार-विमर्श किया गया। यह संवाद सहयोग, समर्पण और बेहतर नगर विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम रहा।
अगर आप चाहें तो इसे और भावनात्मक, औपचारिक या संक्षिप्त रूप में भी ढाल सकता हूँ।आज के सुहाने मौसम में जब हल्की ठंडी हवा चल रही थी और वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ था, ऐसे में पार्षद साथियों के साथ एक अनौपचारिक लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन चाय की चुस्कियों के साथ हुआ। यह "चाय पर चर्चा" न केवल संवाद का माध्यम बनी, बल्कि जनहित और वार्ड स्तर की जमीनी चुनौतियों पर गंभीर और रचनात्मक विचार-विमर्श का एक सशक्त मंच भी साबित हुई।
इस चर्चा का उद्देश्य था – सदन की आगामी बैठक से पूर्व उन मुद्दों को उजागर करना और समझना जो आम जनता से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। इसमें शहरी विकास, सफाई व्यवस्था, जल आपूर्ति, सड़क मरम्मत, सार्वजनिक सुविधाओं की स्थिति, नागरिकों की शिकायतों के समाधान, और वार्ड स्तर पर आने वाली विविध समस्याओं पर गहराई से चर्चा हुई। पार्षद मुकेश सिंह जी