मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के नलखेड़ा कस्बे में लखुन्दर नदी के किनारे स्थित माता बगलामुखी का यह मंदिर त्रिशक्ति स्वरूप बगलामुखी देवी को समर्पित है। इस मंदिर का इतिहास द्वापर युग से जुड़ा हुआ माना जाता है और इसे अत्यंत चमत्कारिक सिद्धपीठों में गिना जाता है।
यहाँ तीन मुखों वाली माता बगलामुखी के अतिरिक्त देवी लक्ष्मी, भगवान कृष्ण, हनुमानजी, भैरव तथा माता सरस्वती की भी प्रतिष्ठित मूर्तियाँ विराजमान हैं। इस पावन धाम में न केवल स्थानीय श्रद्धालु, बल्कि विभिन्न राज्यों से भी भक्तगण तांत्रिक अनुष्ठानों और साधना के लिए आते हैं। शैव और शाक्त साधु-संतों के बीच भी यह स्थान अत्यंत पूजनीय है। इन्हीं साधकों में सिद्ध योगी श्री श्री 1008 स्वामी सांदीपेन्द्र जी महाराज का भी विशेष स्थान है।
मान्यता है कि महाभारत काल में विजय प्राप्ति हेतु भगवान कृष्ण के परामर्श से युधिष्ठिर ने इस मंदिर की स्थापना की थी। यहाँ की माता बगलामुखी की प्रतिमा को स्वयंभू (स्वतः प्रकट) माना जाता है।